70+ Sanskar Quotes In Hindi | संस्कार स्टेटस इन हिंदी | Free Status

Sanskar Quotes In Hindi : हेलो, हम आपके लिए लेकर आये है Sanskar Quotes In Hindi दोस्तों हिन्दू धर्म में गर्भ से लेकर मृत्यु होने तक 16 संस्कार है पुंसवन,जातकर्म, नामकरण, निष्क्रमण, उपनयन या यज्ञोपवित, अन्नप्राशन, मुंडन, गर्भाधान, वेदारंभ, विद्या आरंभ, कर्णवेध, केशांत, समावर्तन, सीमन्तोन्नयन, विवाह, अंत्येष्टी आदि संस्कार है वर्तमान समय में संस्कारों की मंटा बहुत कम हो गयी है लेकिन हमारे जीवन में संस्कारों का महत्व कम नही हुआ है. मेरा मानना यह है कि संस्कार मनुष्य पशुओ के समान होता है. संस्कार हमें बड़े लोगो , बच्चों , स्त्री, का सम्मान करना सिखाता है. संस्कार से ईमानदारी, प्रेम, दया, साहस, स्वाभिमान, आत्मविश्वास , संतोष, त्याग, जैसे महान गुण इंसान को मिलते है आशा करते है आपको यह आर्टिकल पसंद आएगा

Sanskar Quotes In Hindi | sanskar shayari

माँ-बाप के संस्कार स्टेटस

संस्कारों को बचपन में ही सीखा है,
संस्कार के आगे हर चमक फीका है.
जिनका संस्कार अच्छा होता है,
उनका प्यार भी सच्चा होता है.
संस्कार से रिश्तें जुड़ते है,
अहंकार से रिश्ते टूटते है.
गाड़ी का ब्रेक जिस प्रकार से दुर्घटना को रोकता है,
ठीक उसी प्रकार संस्कार इन्सान के पतन को रोकता है.
संस्कार को माँ के पैरों में जन्नत नजर आता है,
संस्कारविहीन को पत्नी के पैरों में जन्नत नजर आता है.

शिक्षा और संस्कार पर शायरी

जीवन में धन तो धूल है,
संस्कार ही जिन्दगी का मूल है.
बोली बता देती है व्यवहार कैसा है,
संस्कार बता देता है परिवार कैसा है.
कोई कुपोषित है संस्कार की कमी से.
प्रकृति (ईश्वर) के द्वारा बनाई
हर जीव, जन्तु, पेड़, पौधे,
पहाड़, नदिया, झरने इनका
सम्मान करना भी संस्कार है.
संस्कार का कोई स्वरूप नही होता है,
लेकिन जिसके पास होता है वो प्यारा लगता है.
हैरान हूँ देखकर लोगो के अनोखे संस्कार,
रोज मंदिर में पूजा करे, माँ-बाप का करे तिरस्कार.
इज्जत किया करता हूँ मैं बहनों की,
फर्क नही देखता अपनी है या गैरों की.
संस्कार ही वाणी में विनम्रता लाता है,
संस्कार ही माँ-बाप के सेवा करना सिखाता है.

घर के संस्कार

यह संस्कार का ही फल होता है,
कि पुत्र श्रवण बन माँ-बाप को ढ़ोता है.
पूरी दुनिया जीत सकते है संस्कार से,
और जीता हुआ भी हार सकते है अहंकार से.
आजाद रखो विचार,
पर साथ रखो संस्कार.
इंसान के व्यवहार और विनम्रता
उसके संस्कार को बता देते है.
जिस देश के नागरिक के संस्कार अच्छे होते है,
वहाँ के संस्कृति की चर्चा हर देश में होती है.
संस्कारों को बचपन में ही सीखा है, संस्कार के आगे हर चमक फीका है।
अगर कोई आपसे बुरा व्यवहार करता है, तो आपके संस्कार उससे बुरा व्यवहार करने से रोकते है।
संस्कार को माँ के पैरों में जन्नत नजर आता है, संस्कारविहीन को पत्नी के पैरों में जन्नत नजर आता है
संस्कार से भी सफलता पाई जाती है, नम्रता से भी लोगो की औकात बताई जाती है।
संसार को अपने संस्कार से जीता जा सकता है, अहंकार से नही।
संस्कारों से बड़ी कोई वसीयत नहीं होती, और दोस्तों से बड़ी कोई विरासत नहीं होती
यह संस्कार का ही फल होता है कि पुत्र श्रवण बन माँ-बाप का बोझ ढ़ोता है।
संघर्ष पिता से सीखे, संस्कार मां से सीखे बाकी सब कुछ दुनिया सीखा देती है।
इंसान के संस्कार ही होते है जो उसे सही गलत की असल पहचान करवाते है।
अपनी औलाद को चाहे आप बहुत कुछ ना दे पाए हो लेकिन उसे अच्छे संस्कार देना ना भूलना।
आपके संस्कार ही लोगो को बताते है की आपका व्यक्तित्व कैसा है।
बच्चो को पैसो का ज्ञान देने से पूर्व अच्छे संस्कारो का ज्ञान देना अति आवश्यक है।
सारी बात सिर्फ संस्कारो पर आ जाती है, वरना पलटकर जवाब देना कोई बड़ी बात नहीं है।
आपके संस्कार ही काफी हैं इस दुनिया को बताने के लिए की आप कितने पढ़े लिखे है।
अपने बच्चो को अगर कुछ देना ही चाहते हो तो समय निकालकर उन्हें संस्कार दिया करो उनके उज्जवल भविष्य में बहुत काम आएंगे।

शिक्षा देने वाले स्टेटस

गाड़ी में अगर ब्रेक ना हो तो दुर्घटना निश्चित है, जीवन में अगर संस्कार और मर्यादा ना हो तो पतन निश्चित है।
बड़प्पन वह गुण है जो पद से नही, संस्कारों से प्राप्त होता है।
संस्कार से भी कामयाबी पाई जा सकती है और नम्रता से लोगों की औकात बताई जा सकती है।
विचार कितने आते है वो महत्वपूर्ण नही कैसे आते है वो महत्वपूर्ण है।
संस्कार ही मेरे तरक्की का भेद है, तुम्हारा व्यवहार देखकर मुझे खेद है।

महापुरुषों का संस्कार पर अनमोल विचार

जिस व्यक्ति के पास अच्छे संस्कारो का समूह होता है, उस व्यक्ति के पास लोगो के दिलो में राज़ करने का जरिया होता है।
जिस शक्श पे पास संस्कारो की कमी होती है उस शक्श की तरक्की कभी नहीं होती है।
आपके संस्कार ही बता देते है की आपका परिवार कैसा है।
अपने माँ-बाप का आदर करना आपके संस्कारो का पहला उसूल होता है।
किसी को हराना अहंकार है लेकिन खुद को उससे बेहतर बनाना संस्कार है।
आपकी सोच, आपका व्यव्हार, आपका बोलने का तरीका ये सभी आपके संस्कारो की पहचान कराते है।
अगर कोई शक्श आपसे प्रेम से बात कर रहा हैं तो इसका ये मतलब नहीं हैं की वो आपसे डर रहा हैं इसका मतलब हैं की ये उसेक संस्कार हैं।
किसी ने सच ही कहा हैं की संस्कारो से बड़ी वसीयत और कोई नहीं है।
वो शक्श जीतकर भी हार जाता हैं जिस शक्श को अपनी जीत परं घमंड हो जाता है।

READ MORE………

Leave a Comment